Uttara Bhadrapada: उत्तराभाद्रपद नक्षत्र की संपूर्ण जानकारी
Uttarabhadrapada: आकाश मंडल में स्थिति 27 नक्षत्रों में उत्तराभाद्रपद 26वां नक्षत्र है। अगर आपका जन्म मीन राशि में हुआ है तो आपके नक्षत्र का स्वामी उत्तराभाद्रपद है। नक्षत्रों की सीरीज में आज हम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के बारे में जानेंगे।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के देवता
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुध्न्य है। अहिर्बुध्न्य को गहरे पानी की नागिन या शिव का एक रूप रुद्र मानते है। विश्वकर्मा शिल्प शास्त्र अनुसार अहिर्बुध्न्य 11 रुद्रो मे तीसरे रुद्र है।
हिन्दू पुराणो के अनुसार अर्हिबुध्न्य का अर्थ “अहि याने नाग और बुधाना यानि दुनिया की नींव” होता है। अहिर्बुध्न्य हजार फन वाले अनन्त नाग है जिनके सिर पर पृथ्वी मन्डित है।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वाले व्यक्ति का स्वभाव
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र स्थायित्व, और निर्माण का द्योतक है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यत्कि सोच-विचार कर बोलने वाले, अनुशासित, उत्तम वक्ता, लेखक, उदार हृदय, एकांत प्रिय, अन्तर्मुखी, जन्म स्थान से दूर भाग्यशाली, जीवन के उत्तरार्द्ध मे पैतृक सम्पदा प्राप्तक, सुखी दाम्पत्य जीवन, बलवान, शत्रुहन्ता और साहसी होता है।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के दिन क्या करें क्या न करें?
अनुकूल कार्य: शोध, भविष्य कथन, भविष्यवाणी, मनोविज्ञान, ध्यान, वायदा, विवाह, प्रारम्भ प्रेरणा, उपचार, शिशु नामकरण, संस्थान का नामकरण, शौर्यकर्म, ग्रह निर्माण, बागवानी के लिए अनुकूल है।
प्रतिकुल कार्य: यह यात्रा, विरोध,मुकदमा, कानूनी मामले, विरोध, उधार, निवेश परिश्रम के लिए प्रतिकूल दिन है।
प्रस्तुत फल जन्म नक्षत्र के आधार पर है। कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार फल में अंतर संभव है। अतः किसी भी ठोस निर्णय में पहुंचने के लिए सम्पूर्ण कुंडली अध्यन आवश्यक है।