अमरावती (Amravati)
अमरावती (Amravati) भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक नगर हैं। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह इन्द्र देवता की नगरी के रूप में विख्यात है और इसे इन्द्रपुरी भी कहते है
Amrawati: History & Tourist Place in Hindi
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 12235 वर्ग किमी. |
भाषा | मराठी, वरहदी, कोरकू |
औसत वर्षा | 841.80 मिमी. |
तापमान | अधिकतम 45.5 डिग्री से., न्यूनतम 12.4 डिग्री से. |
पर्यटन स्थल | गविलगढ़ किला, चीकलदरा, रिधपुर, देवी प्वाइंट, मेलघाट टाईगर रिजर्व आदि। |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च। |
अमरावती का इतिहास (History of Amravati in Hindi)
History of Amaravati: महाराष्ट्र के उत्तर पूर्व दिशा में स्थित अमरावती देवताओं के राजा इन्द्र का शहर माना जाता है। अनेक ऐतिहासिक मंदिर और अभ्यारण्य इस नगर के खास पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग यहां नियमित रूप से आते रहते हैं। यहां का देवी अंबा, भगवान श्रीकृष्ण और वेंकटेश्वर मंदिर पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हैं।
अमरावती महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के 6 डिवीजनों में एक है। अकोला, यवतमाल, बुलढाना और वाशिम जिले अमरावती डिवीजन के अन्तर्गत आते हैं। प्राचीन काल में यहां मौर्य सम्राट अशोक का शासन था। 1833 में यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन हो गया। 1956 में अमरावती को मध्य प्रदेश से अलग कर महाराष्ट्र में मिला दिया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह अमरावती में 3 दिन तक छिपे रहे थे।
अमरावती के प्रमुख पर्यटन स्थल (Place to visit in Amravati)
Amrawati Tourist Place: इसे शिक्षा सुविधाओं और सांस्कृतिक विरासत के कारण विदर्भ (महराष्ट्र में एक जगह) की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। अमरावती में ऐसे कई बेस्ट ट्रेवलिंग डेस्टिनेशन हैं जिन्हें देख कर सभी दंग रह जाते हैं। अमरावती के प्रमुख पर्यटन स्थल में अंबादेवी मंदिर, सतीधाम मंदिर, छत्री तालाब और वडाली तालाब और भीम कुंड आदि शामिल हैं।
1. गविलगढ़ किला (Gawilgad Fort)
अमरावती जिले में चीकलधारा के निकट यह किला स्थित है। लगभग 300 पुराने इस किले पर हिंदू और मुगल शासकों का नियंत्रण था। किले में अनेक खूबसूतर मूर्तियां है, जिन्हें निजाम के काल में बनाया गया था। किले में लोहे, तांबे और पीतल की बनी 10 तोपें भी देखी जा सकती हैं। किले के भीतर बमनीतलाव और खंबतलाव नामक दो झील हैं।
2. चीकलदरा (Chikaldara)
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का यह एकमात्र हिल स्टेशन है। प्रारंभ में इस स्थान का कीचक बारा कहा जाता था। कीचक नाम से ही इस स्थान का नाम चीकलदारा पड़ा। कीचक ने पांडवों की पत्नी द्रोपदी का अपमान किया था, इसके क्रोधित हो भीम ने उसका वध हर दिया था। चीकलदारा महाराष्ट्र का एकमात्र स्थान है, जहां कॉफी का उत्पादन किया जाता है।
3. रिधपुर (Ridhapur)
रिधपुर महानुभव संप्रदाय के लोगों का पवित्र तीर्थस्थल है, इसीलिए इसे महानुभव की काशी नाम से भी जाना जाता है। महानुभव संप्रदाय के लोग पूरे साल यहां आते रहते हैं। चैत्र पूर्णिमा, अशदी पूर्णिमा और प्रभु जयंती के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है।
4. देवी प्वाइंट (Devi Point)
शक्कर झील के निकट स्थित देवी प्वाइंट अमरावती जिले का एक लोकप्रिय और खूबसूरत पर्यटन स्थल है। प्वाइंट तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। देवी प्वाइंट से प्रकृति के सुंदर दृश्यों को काफी करीब से देखा जा सकता है। चंद्रभागा नदी और अमरावती किले के अवशेष भी यहां से आकर्षक दिखाई देते हैं। इस स्थान की सबसे बड़ी खासियत यहां के गुफा में बना एक मंदिर है, जिसमें निरंतर पानी टपकता रहता है।
5. मेलघाट टाईगर रिजर्व (Melghat Tiger Reserve)
अमरावती जिले के चीकलधारा और धरनी तहसील में स्थित यह टाईगर रिजर्व 1597 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है। रिजर्व के उत्तर पूर्वी हिस्से से ताप्ती नदी बहती है। टाईगर के अलावा तेंदुए, स्लोथ बीयर, जंगली कुत्ता, भेड़िए, सांभर हिरन, गौर, बार्किंग डीयर, नीलगाय, चीतल, जंगली शूकर, लंगूर, पेंगोलिन आदि पशुओं को भी यहां देखा जा सकता है। अक्टूबर से जून की अवधि यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
6. कौंडन्यापुर (Kaundinyapur)
अमरावती जिले का यह एक छोटा-सा गांव है, जो इस क्षेत्र का प्रमुख तीर्थस्थल है। माना जाता है कि इस गांव की पहाड़ी पर अनेक प्राचीन महलों और मंदिरों के अवशेष हैं। पौराणिक दृष्टिकोण से भी इस स्थान का विशेष महत्व है।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने इसी स्थान से रूक्मिणी का अपहरण किया था। यहां का विट्ठल रूक्मिणी मंदिर अविवाहित लड़कियों के बाच खासा लोकप्रिय है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देवी की पूजा करने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मंदिर के समीप ही चौरंगीनाथ का मकबरा है।
7. भाटकुली (Bhatkuli)
पूरना नदी के तट पर बसा भाटकुली जैन मतावलंबियों का प्रमुख केन्द्र है। अमरावती से 16 किमी. दूर यह स्थान मुंबई-नागपुर रेल मार्ग पर पड़ता है। माना जाता है कि यहां स्थापित भगवान आदिनाथ की मूर्ति धरती से निकली थी। हजारों की संख्या में लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं। मंदिर के सामने बना मंडप 30 लकड़ी के स्तंभों के सहार टिका हुआ है।
8. झीलें (Lakes)
अमरावती की बीर और शक्कर झील काफी चर्चित हैं। चीखलदारा स्थित बीर झील 1890 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाई गई थी। इस झील का प्रयोग ब्रिटिश सैनिक किया करते थे। झील के निकट ही एक प्राचीन गार्डन बना हुआ है। शक्कर झील अमरावती और गवलगढ़ मार्ग पर पड़ता है। यह झील पिकनिक हेतु एक आदर्श जगह है, जहां बोटिंग का आनंद भी लिया जा सकता है।
9. पंचबोल प्वाइंट (Panchbol Point)
पंचबोल प्वाइंट चीकलदारा का लोकप्रिय प्वाइंट है। इस स्थान की खासियत यह है कि यदि यहां जोर से चिल्लाया जाए तो वह आवाज पांच बार सुनाई देती है। इसी विशेषता के कारण इसे पंचबोल प्वाइंट कहा जाता है। चार पहाड़ियों से बनी यहां की गहरी घाटी इसे और आकर्षक बना देती है।
अमरावती कैंसे पहुंचे (How to Reach Amrawati)
वायु मार्ग– नागपुर में अमरावती का निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग 155 किमी. की दूरी पर है।
रेल मार्ग- बदनेरा रेलवे स्टेशन अमरावती का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। मुंबई-हावडा़ और अहमदाबाद-चैन्नई रूट पर चलने वाली तमाम रेलगाडियां यहां रूकती हैं।
सड़क मार्ग- अमरावती महाराष्ट्र और पडोसी राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की अनेक बसें इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं।