Bhagalpur (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
भागलपुर (Bhagalpur) भारत के बिहार राज्य का एक प्रमुख शहर है। पुराणों में और महाभारत में इस क्षेत्र को अंग प्रदेश का हिस्सा माना गया है।
Bhagalpur: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | बिहार |
क्षेत्रफल | 2,570 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | भोजपुरी, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | मंदार हिल, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, कहलगांव |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
Histoy of Bhaglpur- बिहार के गौरवशाली इतिहास में भागलपुर एक नगीने की तरह है। इतिहास में झांकें तो हम पाते हैं बीते समय में भागलपुर भारत के दस बेहतरीन शहरों में से एक था। आज का भागलपुर सिल्क नगरी के रूप में ज्यादा जाना जाता है। इसका इतिहास काफी पुराना है। भागलपुर को (ईसा पूर्व 5वीं सदी) चंपावती के नाम से जाना जाता था।
यह वह काल था जब गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भारतीय सम्राटों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। अंग 16 महाजनपदों में से एक था जिसकी राजधानी चंपावती थी। अंग महाजनपद को पुराने समय में मलिनी, चम्पापुरी, चम्पा मलिनी, कला मलिनी आदि आदि के नाम से जाना जाता था।
अथर्ववेद में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है, जबकि कर्ण पर्व में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है। वहीं दूसरी ओर महाभारत में अंग (चम्पा) को एक तीर्थस्थल के रूप में पेश किया गया है। इस ग्रंथ के अनुसार अंग राजवंश का संस्थापक राजकुमार अंग थे। जबकि रामयाण के अनुसार यह वह स्थान है जहां कामदेव ने अपने अंग को काटा था।
मंदार हिल (Mandar Hill)
मंदार पर्वत (Mandar hill) भागलपुर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 800 फीट है। मान्यता अनुसार इस पहाड़ का प्रयोग सागर मंथन में किया गया था। इस पहाड़ी के चारों ओर अभी भी शेषनाग के चिन्ह को देखा जा सकता है, जिसको इसके चारों ओर बांधकर समुद्र मंथन किया गया था।
पहाड़ की चोटी पर एक हिंदू और एक जैन मंदिर हैं। ऐसा माना जाता है कि जैन के 12वें तिर्थंकर ने इसी पहाड़ी पर निर्वाण को प्राप्त किया था। मकर सक्रांति पर हर साल एक कार्निवल का आयोजन किया जाता है। मंदार हिल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी चोटी पर स्थित झील है। इसको देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
विक्रमशिला विश्वविद्यालय (Vikramshila university, Bhagalpur)
विक्रमशिला विश्वविद्यालय भागलपुर से 38 किलोमीटर दूर है। नालन्दा की भाँति विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी बौद्ध संसार में सर्वत्र सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। इसकी स्थापना पाल वंश के शासक धर्मपाल ने 8वी शताब्दी में करवाया था।
यहाँ पर लगभग 160 विहार थे, जिनमें अनेक विशाल प्रकोष्ठ बने हुए थे। विद्यालय में सौ शिक्षकों की व्यवस्था थी। इस महाविद्यालय के अनेक सुप्रसिद्ध विद्वानों में ‘दीपांकर श्रीज्ञान अतीश’ प्रमुख थे। बख्तियार खिलजी नामक मुस्लिम आक्रमणकारी ने सन 1993 के आसपास इसे नष्ट कर दिया था।
कहलगांव (Kahalgaon)
कहलगांव भागलपुर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां तीन छोटे-छोटे टापू हैं। कहा जाता है कि जाह्नु ऋषि के तप में गंगा की तीव्र धारा से यहीं पर व्यवधान पड़ा था। इससे क्रोधित होकर ऋषि ने गंगा को अपनी जांघ में कर लिया था। बाद में राजा भागीरथ के प्रार्थना के उपरांत उन्होंने गंगा को छोड़ दिया।
इसके बाद से गंगा की धाराएं बदल गई और यह दक्षिण से उत्तर की ओर गमन करने लगी। एक मात्र पत्थर पड़ बना हुआ मंदिर भी देखने लायक है। इस प्रकार का मंदिर बिहार में अन्यत्र नहीं है। कहलगांव में डॉल्फीन को भी देखा जा सकता है।
इसके अलावा कुप्पा घाट, विषहरी स्थान, भागलपुर संग्रहालय, मनसा देवी का मंदिर, 25किलोमीटर दूर सुल्तानगंज आदि को भी देखा जा सकता है।
भागलपुर कैंसे पहुंचे (How To Reach Bhagalpur)
भागलपुर रेल और सड़क मार्ग दोनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह शहर पटना से कोई 220 किलोमीटर तथा कोलकाता से 410 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग– भागलपुर के लिए राजधानी पटना से सीधी ट्रेनें हैं। पटना देश के लगभग हर बड़े शहर से अच्छी प्रकार से ट्रेन के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग- भागलपुर बिहार के अन्य शहरों से सड़क के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भागलपुर में उल्टापुल के पास बस टर्मिनल स्थित है, जहां से विभिन्न स्थानों के लिए बसें जाती है।
हवाई मार्ग– जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा, पटना उतरकर भागलपुर आया जा सकता है।
कहां ठहरें– भागलपुर में ठहरने के लिए छोटे मोटे होटल और धर्मशाला उपलब्ध है। पटना में रहने के लिए आपको लग्ज़री होटल मिल जाएंगे।