Kozhikode (Kerala): History & Places to Visit in Hindi
कोड़िकोड (Kozhikode), भारत के केरल राज्य के कोड़िकोड ज़िले में अरब सागर के तट पर स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
Kozhikode: History, Facts & Tourist Places | wiki
राज्य | केरल |
क्षेत्रफल | 30.61वर्ग किमी. |
भाषा | मलयाली,हिन्दी,अंग्रेजी |
औसत वर्षा | 254 सेमी. |
तापमान | अधिकतम तापमान-36 डिग्री, न्यूनतम तापमान-14 डिग्री |
दर्शनीय स्थल | पजस्सीराजा संग्रहालय, आर्ट गैलरी, मनाचिरा मैदान, कोडिकोड बीच, वाडाकर, तुसारगिरी, पूकोट झील आदि। |
संबंधित लेख | केरल के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
दक्षिण भारत के केरल राज्य में अरब सागर के दक्षिण पश्चिम तट पर कोजीकोड़ या कालीकट स्थित है। इसके पश्चिम में विस्तृत और शांत अरब सागर फैला हुआ है और पूर्व में वयनाड की पहाड़ियों इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहां की हरियाली,शांत वातावरण, ऐतिहासिक इमारतें, वन्य जीव अभ्यारण्य, नदियां, पहाड़ियां आदि को देख बड़ी संख्या में पर्यटकों बरबस ही यहां खींचे चले आते है।
कोड़िकोड का प्रारंभिक इतिहास स्पष्ट नहीं है। प्रागैतिहासिक काल की पत्थरों की गुफाएं यहां प्राप्त हुई हैं। संगम युग में यह जिला चेरा प्रशासन के अधीन था। उस समय यह स्थान व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र था। कोजीकोड का अस्तित्व तेरहवीं शताब्दी में उभरकर सामने आया। इरनाड के राजा उदयावर ने कोजीकोड और पोन्नियंकर के आसपास का क्षेत्र जीतकर एक किला बनवाया जिसे वेलापुरम कहा गया।
1498 ई. में पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा ने अपनी टीम के साथ यहां सर्वप्रथम प्रवेश किया। समुद्री मार्ग से आने वाला वह पहला युरोपियन था। उसके बाद डच,फ्रेन्च और ब्रिटिश लोगों का यहां आगमन हुआ। आगे चलकर यह स्थान शक्तिशाली जमोरिन साम्राज्य की राजधानी बनी। 1956 में केरल का राज्य के रूप में गठन हुआ और आगे चलकर कोजीकोड राज्य की व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र बना।
कोड़िकोड के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Places To visit in Kozhikode)
पजस्सीराजा संग्रहालय- इस संग्रहालय में कोड़िकोड के समृद्ध इतिहास की झलक देखी जा सकती है। संग्रहालय शहर के पूर्व में 5 किमी.की दूरी पर स्थित है। राज्य का पुरातत्व विभाग इस संग्रहालय की देखभाल करता है। संग्रहालय में प्राचीन सिक्के,कांसे की वस्तुओं,प्राचीन मूरल की प्रतिलिपियां आदि इस क्षेत्र की विरासत को प्रदर्शित करती है।
आर्ट गैलरी– यह आर्ट गैलरी पजस्सीराजा संग्रहालय के सन्निकट है। यहां राजा रवि वर्मा और राजा वर्मा की पेटिंग्स देखी जा सकती है। इन दोनों कलाकारों का संबंध त्रावनकोर के शाही वंश से था।
कहा जाता है कि रवि राजा वर्मा पहले कलाकार थे जिन्होंने ऑयल कलर का प्रयोग किया था। कला के पारखी लोग इस स्थान पर जाना नहीं भूलते। यह आर्ट गैलरी सोमवार और सार्वजनिक अवकाश के अतिरिक्त प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुली रहती है।
मनाचिरा मैदान-यह मैदान नगर के बीचों बीच स्थित है। यह स्थान जमोरिन शासकों के महल का विशाल आंगन हुआ करता था। अब इसे एक खूबसूरत पार्क में तब्दील कर दिया गया है। इसके चारों ओर केरल के पारंपरिक मकान बने हुए हैं। नजदीक ही एक विशाल पानी का टैंक है।
कोड़िकोड बीच-शहर के पूर्वी भाग के तट पर दूर-दूर तक फैला यह बीच अनोखा नजारा प्रस्तुत करता है। समुद्र तट पर सूर्योदय के समय सूर्य की लालिमा जब रेत पर पडती है तो उस वक्त दृश्य बडा ही अनोखा लगता है। लाइट हाउस, लायन्स पार्क और एक्वेरियम को भी यहां देखा जा सकता है।
बीपोर-यह छोटा तटीय नगर कोड़िकोड से 11 किमी.दूर चलियार नदी के मुहाने पर स्थित है। यह नगर सदियों से पानी के जहाज की इंडस्ट्री के लिए लोकप्रिय है। 1500वर्षो से अधिक समय से यह स्थान उरू अर्थात् अरबी व्यापारिक जहाजों के निर्माण के लिए जाना जाता है।
वाडाकर-यह स्थान मार्शल आर्ट का वाणिज्यिक केन्द्र है। उत्तरी मालाबार के पौराणिक नायक तचोली ओथेनाम का यहां जन्म हुआ था। वाडाकर ने ही मार्शल आर्ट की महान परंपरा विकसित की थी। प्राचीन काल में वाडाकर व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का केन्द्र था।
तुषारगिरी-यह स्थान झरनों और हरे-भरे जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। तुषारगिरी कोडनचैरी से 11 किमी दूर है जो रबड़ के पौधों,नारियल,पेपर,अदरक और सभी प्रकार के मसालों के पेड़ पौधों से भरपूर है। तुषारगिरी के नजदीक ही कक्कायम में एक बांध है। यहां नदियों और झरनों में ट्रैकिंग का आनंद लिया जा सकता है।
साइंस प्लेनेटोरियम-कोजीकोड में बह्ममांड की गुत्थियों को समझने और तारों व ग्रहों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करने के लिए साइंस प्लेनेटोरियम आप जा सकते है। जाफरखान कालोनी में स्थित इस प्लेनेटोरियम में बहुत से खेलों और पहेलियों के माध्यम से अपना समय व्यतीत किया जा सकता है।
पूकोट झील-कोजीकोड में स्थित यह झील प्राकृतिक और ताजे पानी की झील है। घास और हरे भरे पेड़ों से घिरी यह झील शांत वातावरण के अभिलाषी लोगों के लिए आदर्श जगह है।
थाली मंदिर– कोड़िकोड सिटी सेंटर में स्थित यह मंदिर कालीकट के जमोरिन साम्राज्य की यादगार निशानी है। रेवती पट्टाथानम नामक वार्षिक शैक्षणिक प्रतियोगिता यहां आयोजित की जाती है।
खरीददारी– ड्राई फूड और शुद्ध नारियल के तेल से बना कोजीकोड का मीठा हलवा पर्यटक अपने साथ ले जाना नहीं भूलते। साथ ही केले के चिप्स की खरीददारी भी अधिकांश पर्यटक करते हैं।
कोर्ट रोड़ में मसालों का बाजार ताजे मसालों की खरीददारी करने के लिए उत्तम जगह है। अरबी पानी के जहाजों के नमूनों को यहां से खरीदा जा सकता है। कोजीकोड हैंडलूम कपड़ों के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
कोड़िकोड कैंसे पहुंचे (How to Reach Kozhikode)
वायुमार्ग– कोड़िकोड नगर से 23 किमी.दूर कारीपुर नजदीकी एयरपोर्ट है। मुम्बई, चैन्नई, बैंगलोर और मध्य पूर्व के लिए प्रतिदिन यहां से फ्लाइट जाती है।
रेलमार्ग– मानचिरा स्क्वेयर के दक्षिण में कोड़िकोड रेलवे स्टेशन स्थित है। यह रेलवे स्टेशन मंगलौर, एरनाकुलम, त्रिवेन्द्रम, चैन्नई, कोयंबटूर और गोवा से नियमित रेलगाड़ियों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।