Betul (M.P): History & Tourist Places in Hindi
बैतूल (Betul) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
Betul History & Tourist Places in Hindi
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 193 km² |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | श्री रूक्मणी बालाजी मंदिर, मुक्तागिरी, मुल्तई, बदनूर, भैंसदेही आदि। |
मुख्य आकर्षण | 52 जैन मंदिरों का समूह |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
पश्चिमी मध्य प्रदेश में सतपुड़ा के पठार पर स्थित बेतूल जिला 10043 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला है। इस जिले का नाम बेतूल बाजार के एक छोटे से नगर से पड़ा है जो बदनूर से 5 किमी. की दूरी पर है। मराठा काल और ब्रिटिश शासन के शुरूआत में बेतूल बाजार जिला मुख्यालय था। 1822 में जिला मुख्यालय वर्तमान बेतूल में स्थानांतरित कर दिया गया।
बैतूल के पर्यटन स्थल (Places to visit in Betul, M.P)
Betul Tourist Places: इस जिले की सीमा उत्तर में होशंगाबाद, दक्षिण में महाराष्ट्र के अमरोती, पूर्व में छिंदवाडा और पश्चिमी में होशंगाबाद, पूर्वी निमाड़ और अमरोती जिलों से मिलती हैं। भंसदेही, मुल्तई, शाहपुर और मुक्तागिरी यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
श्री रूक्मणी बालाजी मंदिर (Sri Rukmani Balaji Temple)
बेतूल बाजार में स्थित यह मंदिर भगवान बालाजी को समर्पित है। इस परिसर के मुख्य मंदिर के निर्माण में दक्षिण भारतीय मंदिर निर्माण शैली को अपनाया गया है। दक्षिण के प्रसिद्ध वास्तुकारों ने इस मंदिर के निर्माण में मुख्य भूमिका अदा की थी। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के लघु मंदिर भी देखे जा सकते हैं, जिनमें भगवान गणेश, राधाकृष्ण, देवी दुर्गा और भगवान शिव की प्रतिमाएं शामिल हैं।
मुख्य मंदिर से अलग भगवान हनुमान, नवग्रह और शिरडी साईं बाबा के लघु मंदिर भी बने हुए हैं। गंगा कुंड नामक यहां एक कृत्रिम तालाब भी बना हुआ है। तालाब में 10 फव्वारे हैं। मंदिर को संचालित करने वाले ट्रस्ट की ओर से यहां यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था भी की जाती है।
मुक्तागिरी (Mukta giri)
बेतूल जिले का यह स्थल अपने प्रागैतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मुख्य आकर्षण 52 जैन मंदिरों का समूह हैं। इनमें से कुछ मंदिरों का निर्माण पत्थरों को काटकर किया गया है। हर वर्ष यहां कार्तिम मेला लगता है जिसे देखने देश भर से लोगों का आगमन होता है। मुक्तागिरी बदनूरस से करीब 97 किमी. की दूरी पर स्थित है।
मुल्तई (Multai)
यह बेतूल जिले का एक पवित्र और सुंदर नगर है। यहां का प्रमुख आकर्षण एक कृत्रिम कुंड है, जहां से ताप्ती नदी का बहाव तेज होता है। इस पवित्र स्थल के आसपास अनेक मंदिर देखे जा सकते हैं। नागपुर और भोपाल हवाई अड्डे से यहां पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 69 मुल्तई से होकर जाता है।
बदनूर (Badnoor)
बदनूर को बेतूल जिले का प्रशासनिक केन्द्र माना जाता है। यह जिले के कृषि व्यापार का भी प्रमुख केन्द्र है। यह भोपाल से लगभग 156 किमी. की दूरी पर है। भोपाल और नागपुर एयरपोर्ट के अलावा चैन्नई-दिल्ली ब्रोडगेज पर स्थित बेतूल रेलवे स्टेशन से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
भैंसदेही (Bhainsdehi)
यह ताल्लुक मुख्यालय महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। अधिकांश गोंड और कोरकू जनजातियां यहां निवास करती हैं। यहां भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है जिसे देखने लोगों का हमेशा आना-जाना लगा रहता है।
कलमेसुरा (Kalmesura)
यह स्थान समुद्र तल से करीब 2483 फीट की ऊंचाई पर है। यह छिंदवाडा की उत्तरी सीमा की ओर है। कलमेसुरा के निकट ही अमला पहाड़ियां हैं, जो इस क्षेत्र का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। कलमेसुरा गांव के निकट से ही तावा नदी बहती है। भोपाल यहां का निकटतम एयरपोर्ट है।
बैतूल कैंसे पहुंचे (How to Reah Betul Madhya Pradesh)
वायु मार्ग– भोपाल और नागपुर एयरपोर्ट बेतूल जिले के निकटवर्ती एयरपोर्ट हैं। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं।
रेल मार्ग– बेतूल रेलवे स्टेशन दिल्ली-चैन्नई रेलमार्ग पर पड़ता है। इस रूट पर चलने वाली विविध रेलगाड़ियां बेतूल को अन्य स्थानों से जोड़ती हैं।
सड़क मार्ग– राष्ट्रीय राजमार्ग 69 बेतूल को मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के शहरों से सड़क मार्ग से जोड़ता है। राज्य परिवहन निगम की नियमित बसें बेतूल के निरंतर चलती रहती हैं।
कहां ठहरें:बेतूल में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल यहां से 156 किमी. की दूरी पर पर है, जहां ठहरने की उत्तम व्यवस्था है।