दांडेली (Dandeli)
दांडेली (Dandeli), भारत के कर्नाटक राज्य का एक प्रमुख शहर है। यह अपने वन्यजीव अभयारण्य, पर्यटन, उद्योग और एक शिक्षा केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।
Dandeli: History & Tourist Places [Wikipedia]
राज्य | कर्नाटक |
क्षेत्रफल | 8.5 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | कन्नड़, हिंदी, इंग्लिश |
पर्यटन स्थल | वाटर राफ्टिंग, कवाला गुफा, वन्य जीव अभ्यारण्य, सिंथेरी रॉक, मोलंगी, साइक्स प्वाइंट आदि। |
प्रसिद्धि | दांडेली, राज्य में एक शैक्षणिक और औद्यौगिक शहर के रूप में विख्यात है। यह कागज उत्पादन के लिये जाना जाता है। |
टैग लाइन | प्राकृतिक सुन्दरता से सुसज्जित |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च। |
दान्डेली उत्तर कन्नड जिले में स्थित कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य है। उत्तर कन्नड जिले के पश्चिमी घाट पर फैले इस अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 843.16 वर्ग किलोमीटर है। यह जिला लगभग 70 प्रतिशत घने जंगलों से आच्छादित है।
शीशम, सागवान के बहुमूल्य वृक्षों के अलावा यहां की हरी-भरी घाटियां और पहाड़ियां पर्यटकों को खूब लुभाती हैं। यह स्थान पक्षियों का स्वर्ग माना जाता है। लगभग 450 पक्षियों की प्रजातियां यहां पाई जाती है।
दान्डेली का इतिहास (History of Dandeli in Hindi)
History of Dandeli: दान्डेली नाम पड़ने के पीछे का इतिहास काफी दिलचस्प है। किसी जमाने में यहां दान्डेलप्पा नामक व्यक्ति रहता था। वह मिरासी के जमींदारों के यहां नौकर था। एक दिन मिरासी परिवार की एक महिला ने उसके आगे प्रेम का प्रस्ताव रखा। वह मालिकों का बहुत आज्ञाकारी नौकर था, अत:उसने महिला के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इससे वह महिला नाराज हो गई।
उसने अपने भाइयों से झूठ बोला कि दान्डेलप्पा ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है। उसके भाई यह सुनकर क्रोधित हो गए और उन्होनें दान्डेलप्पा को खत्म करने का फैसला किया। एक दिन महिला के भाई दान्डेलप्पा के पास गए और तलवार से उसकी गर्दन कलम कर दी। उसका शरीर और सिर अलग-अलग स्थानों पर गिरा। वर्तमान में दोनों स्थानों पर उसकी याद में मंदिर बने हुए हैं। आगे चलकर दान्डेलप्पा के नाम पर ही लोगों ने इस स्थान का नाम दान्डेली रख दिया।
दान्डेली के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Places to visit in Dandeli)
दान्डेली पर्यावरण प्रेमियों और वन्य जीवों में रूचि रखने वाले लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। पर्यटन के लिहाज से यहां देखने लायक बहुत कुछ है।
1. व्हाईट वाटर राफ्टिंग (White Water Rafting Dandeli, Karnataka)
Dandeli adventurers: दान्डेली के काली नदी में वाटर राफ्टिंग (Water Rafting) का अपना ही मजा है। पानी में रबड़ की नाव पर वाटर राफ्टिंग, आपको रोमांच, जोश और आनंद से लबरेज कर देता है। काली नदी में मगरमच्छों को भी देखा जा सकता है। अगर आपको वाटर राफ्टिंग का आनंद लेना हो, तो नवम्बर से जून महीने के बीच यहां की सैर करें।
2. वन्य जीव अभ्यारण्य (Dandeli Wild Life sanctuary)
Dandeli Wild Life Sanctuary: दान्डेली बहुत से अनोखे और दुर्लभ वन्य जीवों की शरण स्थली है। बड़ी बिल्ली और काला तेंदुए जैसे लुप्तप्राय जीव यहां पाए जाते हैं। वृक्षों पर निवास करने वाली जीव-जंतुओं की बहुत-सी प्रजातियां यहां देखने को मिलती हैं। जैसे उड़ने वाली गिलहरी, सांप, छिपकली आदि। इसके अलावा बार्किंग डियर,स्लोथ बियर, सिवेट कैट और हाथियों को भी यहां देखा जा सकता है।
वन्य जीवों से परिचित होने के इच्छुक लोगों को यह स्थान बहुत भाता है। इसके अलावा दान्डेली में बड़ी संख्या में हॉर्नबिल्स पाए जाते हैं। इनकी चोंच तलवार के समान प्रतीत होती है। इन्हें हजारों की संख्या में यहां देखा जा सकता है।
3. कवाला गुफा (Kavala Caves, Dandeli)
Kavala Caves: दान्डेली के बेस केम्प से 25 किमी की दूरी पर स्थित ये प्राचीन कवाला गुफाएं पर्यटकों को खूब आकर्षित करती हैं। प्रागेतिहासिक काल के मनुष्यों ने इसे ग्रेनाइट पत्थरों से रहने के लिए बनवाया था। यहां शिव का एक प्राकृतिक और विशाल शिवलिंग है।
4. सिंथेरी रॉक (Syntheri Rocks)
Syntheri Rocks: दान्डेली के घने वन्य जीव अभ्यारण्य में 300 फीट ऊंचा एक ग्रेनाइट पत्थर का खम्भा स्िथत है जिसे सिंथेरी रॉक के नाम से जाना जाता है। लगातार भूस्खलन होने के कारण यहां एक दरार बन चुका है जिसमें कबूतरों ने अपना आशियाना बना रखा है। कटाव से हुए छेद को इस रॉक में स्पष्ट देखा जा सकता है। सैकड़ो कबूतरों ने इसके कोनों और दरारों में अपना घर बना रखा है।
5. मोलंगी (Moulangi)
Moulangi: कुदरती रूप से यह एक बेहद खूबसूरत स्थान है। यह स्थान घने बांस के जंगलों के बीच स्थित है। इसके नजदीक ही काली नदी बहती है। यहां हिरन और विशाल गिलहरी को देखा जा सकता है। कभी-कभी ब्लैक पेंथर भी यहां दिख जाते हैं।
6. साइक्स प्वाइंट (Sykes point)
Sykes point: यह कर्नाटक के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है। यहां से घाटी के नीचे बहने वाली काली नदी का दृश्य बडा मनमोहक और आर्कषक लगता है। मीलों दूर तक फैले हरे-भरे जंगलों का अभूतपूर्व नजारा यहां से दिखता है।
यहां की सिरोली पीक उत्तरकन्नड जिले की सबसे उंची चोटी है। इसके अलावा दान्डेली का उलावी चन्ना बसावेश्वर मंदिर तथा शहर से 25किमी दूर सूपा बांध भी दर्शनीय स्थल है।
दांडेली कैसे पहुंचे (How to Reach Dandeli)
वायुमार्ग- गोवा एयरपोर्ट से भी दान्डेली जाया जा सकता है। दान्डेली और गोवा के बीच की दूरी 125 किमी है। गोवा एयरपोर्ट से बस या टैक्सी के द्वारा दान्डेली पहुंचा जा सकता है।
रेलमार्ग- दान्डेली से 56किमी दूर स्थित धारवाड नजदीकी रेलवे स्टेशन है। बैंगलौर से रानी चेनम्मा एक्सप्रेस रात 9बजे चलती है और सुबह 6बजे के करीब धारवाड पहुंचाती है। धारवाड से बस या टैक्सी करके दान्डेली पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग- दान्डेली सड़क मार्ग द्वारा मुम्बई,बैंगलौर,गोवा,बेलगाम,करवार,हुबली से सीधा जुड़ा हुआ है। कुछ लक्जरी बसें प्रतिदिन दान्डेली के लिए रवाना होती हैं। बैंगलौर से दान्डेली जाने के लिए रात्रिकालीन बस सेवा भी उपलब्ध है।
दांडेली जाने का सही समय (Best time to visit Dandeli)
कब जाएं-अक्टूबर से जून की अवधि दान्डेली जाने के लिए उत्तम मानी जाती है। तापमान और पर्यटन के लिहाज से यह समय बिलकुल अनूकूल है।
FAQs
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