Ganesh Shabar: गणेश शाबर मंत्र और प्रयोग विधि
Ganesh Shabar: गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। गणेश शाबर मंत्र का प्रयोग जीवन में आने वाले बाधाओं, स्वास्थ्य समस्याओं, धन-धान्य की कमी, और शत्रुओं से रक्षा के लिए किया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे गणेश शाबर मंत्र के लाभ, जपने की विधि और प्रयोग..
गणेश शाबर मंत्र की विशेषताएं
- सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र: यह मंत्र तुरंत प्रभाव डालने वाले माने जाते हैं।
- आसान उच्चारण: शाबर मंत्र किसी भी जाति, धर्म, और वर्ग के लोग आसानी से प्रयोग कर सकते हैं।
- विविध उपयोग: जीवन की हर समस्या, जैसे करियर, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, धन, आदि में मदद करते हैं।
गणेश शाबर मंत्र के फायदे
- बाधाओं का निवारण: यह मंत्र जीवन के हर क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इसका नियमित जप सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- मन की शांति: मानसिक तनाव को कम करके आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- कार्य में सफलता: नौकरी, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सफलता प्रदान करता है।
गणेश शाबर मंत्र
ॐ गणपति यहाँ पठाऊं तहां जावो दस कोस आगे जा ढाई कोस पीछे जा दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज ! ॐ क्राम् फट् स्वाहा !
विधि: शाबर मंत्र के जप से पूर्व हर रोज गुरु पूजन और गणेश पूजन करे, गणेश जी की मूर्ति के दोनों तरफ एक एक गोमती चक्र अवश्य रखे। गणेश जी के साथ देवी रिद्धि और सिद्धि का भी पूजन करें। पूजा में प्रयास करें मूर्ति मिटटी से बनी हुई हो। अंतिम दिन देवी रिद्धि सिद्धि के लिए श्रृंगार का सामान गणेश मंदिर में चढ़ाये।
कार्य-सिद्धि हेतु गणेश शाबर मन्त्र
“ॐ गनपत वीर, भूखे मसान, जो फल माँगूँ, सो फल आन। गनपत देखे, गनपत के छत्र से बादशाह डरे। राजा के मुख से प्रजा डरे, हाथा चढ़े सिन्दूर। औलिया गौरी का पूत गनेश, गुग्गुल की धरुँ ढेरी, रिद्धि-सिद्धि गनपत धनेरी। जय गिरनार-पति। ॐ नमो स्वाहा।”
विधि- धूप या गुग्गुल, दीपक, घी, सिन्दूर, बेसन का लड्डू। दिनः- बुधवार, गुरुवार या शनिवार। निर्दिष्ट वारों में यदि ग्रहण, पर्व, पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ-सिद्धि योग हो तो उत्तम। समयः- रात्रि १० बजे। जप संख्या-125। अवधिः- 40 दिन। किसी एकान्त स्थान में या देवालय में, भगवान् गणेश की षोडशोपचार से पूजा करे। घी का दीपक जलाकर, सिन्दूर और लड्डू के प्रसाद का भोग लगाए और प्रतिदिन 125 बार उक्त मन्त्र का जप करें। प्रतिदिन के प्रसाद को बच्चों में बाँट दे।
चालीसवें दिन सवा सेर लड्डू के प्रसाद का भोग लगाए और मन्त्र का जप समाप्त होने पर तीन बालकों को भोजन कराकर उन्हें कुछ द्रव्य-दक्षिणा में दे। सिन्दूर को एक डिब्बी में सुरक्षित रखे। एक सप्ताह तक इस सिन्दूर को न छूए। उसके बाद जब कभी कोई कार्य या समस्या आ पड़े, तो सिन्दूर को सात बार उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर अपने माथे पर टीका लगाए। कार्य सफल होगा।
सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र
ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं प्रकाशय ग्लूं ग्लीं ग्लां फट् स्वाहा ।
विधि :- सफेद वस्त्र धारण कर सफेद रंग के आसन पर बैठ कर पूर्ववत् नियम का पालन करते हुए इस मंत्र का सात हजार जप करे। जप के समय दूब, चावल, सफेद चन्दन सूजी का लड्डू आदि रखे तथा जप काल में कपूर की धूप जलाये तो यह मंत्र, सब मंत्रों को सिद्ध करने की शक्ति प्रदान करता है।
गणेश शाबर मंत्र प्रयोग विधि
1. शुभ मुहूर्त का चयन करें:: मंत्र प्रयोग के लिए बुधवार और चतुर्थी का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। सूर्योदय के समय या रात को शांत वातावरण में इसे करें।
2. पूजन सामग्री तैयार करें: गणेश प्रतिमा या तस्वीर, दूर्वा (घास), मोदक या लड्डू, घी का दीपक कुमकुम, अक्षत, और अगरबत्ती।
3. आसन और दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करके साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
4. मंत्र जाप विधि: सर्वप्रथम गणपति की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अर्पित करे। ध्यान करते समय अपने मन में अपनी इच्छा या समस्या को स्पष्ट रखें। यदि जाप विधि में दिन संख्या ना हो तो से कम 21 दिन तक लगातार करें।
नोट: यदि आप पहली बार शाबर मंत्र सिद्ध कर रहे हैं, तो किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शन अवश्य ले लें। यदि आपके मन में लेख को लेकर कोई सवाल है तो आप हमसे कॉन्टैक्ट पेज अथवा टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर सकते है।