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Ratnagiri (Maharashtra): History & Tourist Places in Hindi

Byvashi Maharashtra
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रत्नागिरि (Ratnagiri) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। महान स्वतंत्रता सेनानी, बाल गंगाधर तिलक का जन्म रत्नागिरी में ही हुआ था। रत्नागिरि हाफूस आम (Alphonso mango) के लिए भी प्रसिद्ध है।

Ratnagiri (Maharashtra): History & Tourist Places in Hindi

राज्यमहाराष्ट्र
क्षेत्रफल8208 वर्ग किमी.
भाषामराठी, हिंदी और इंग्लिश
दर्शनीय स्थलबौद्ध मठ, थीवा महल, मल्गुन्द, जयगढ़ किला, पावस, वेलनेश्‍वर, रत्‍नागिरी किला, गणेशगुले आदि।
प्रसिद्धिहाफूस आम।
यात्रा समयनवम्बर से मार्च।

बाल गंगाधर तिलक की यह जन्‍मस्‍थली भारत के महाराष्‍ट्र राज्‍य के दक्षिण-पश्चिम भाग में अरब सागर के तट पर स्थित है। यह कोंकण क्षेत्र का ही एक भाग है। यहां बहुत लंबा समुद्र तट हैं। यहां कई बंदरगाह भी हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में सहाद्री पहाड़ी से घिरा हुआ है। रत्‍नागिरी हाफूस आम (Alphonso mango) के लिए भी प्रसिद्ध है।    

रत्‍नागिरी का मराठा इतिहास में महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। यह 1731 ई. में सतारा के राजा के अधिकार में आ गया और यह 1818 ई. तक सतारा के कब्‍जे में रहा। 1818 ई. में इस पर अंग्रेजों ने कब्‍जा कर लिया।

यहां पर एक किला भी है जिसे बीजापुर के राजपरिवार ने बनवाया था। बाद में 1670 ई. में इस किले की शिवाजी ने मरम्‍मत करवाई थी। रत्‍नागिरी में ही म्‍यांमार के अंतिम राजा थिबू तथा वीर सावरकर को कैद कर रखा गया था।

रत्‍नागिरी का संबंध महाभारत काल से भी है। कहा जाता है अपने वनवास का तेरहवां वर्ष पांडवों ने रत्‍ना‍गिरी से सटे हुए क्षेत्र में बिताया था।

1. बौद्ध मठ (Bodha Math)

रत्‍नागिरी में दो विशाल बौद्व मठ थे। इनमें से एक दो मंजिला था। इस मठ में एक बड़ा आंगन था जिसके दोनों तरफ बौद्ध भिक्षुओं के रहने के लिए कमरे बने हुए थे। इस मठ के अतिरिक्‍त यहां से छ: मंदिर, हजारों छोटे स्‍तूप, 1386 मुहरें, असंख्‍य मूर्त्तियां आदि के अवशेष मिले हैं।

इन स्‍तूपों में सबसे बड़ा स्‍तूप 47 फीट लंबा तथा 17 फीट ऊंचा था। यह स्‍तूप चार छोटे-छोटे स्‍तूपों से घिरा हुआ था। इस स्‍तूप की सजावट कमल के फूल, पंखूडि़यों तथा मणिकों से की गई थी।

2. थीवा महल (Thiba Palace)

इस महल का निर्माण 1910-11 ई. में हुआ था। देश निकाला की सजा के बाद बर्मा (अब म्‍यांमार) के राजा और रानी इसी महल में रहे थे। वे लगभग पांच साल तक अपना समय यहां बिताया। यहीं इन दोनों की समाधि भी है जोकि पत्‍थर की बनी हुई है।

3. मल्गुन्द (Malgund)

यह स्‍थान प्रसिद्ध मराठी कवि केशवसूत का जन्‍मस्‍थान है। यह एक छोटा सा गांव है जोकि ग‍णपतिफूले से 1 किलोमीटर दूर है। केशवसूत के घर को अब छात्रावास का रुप दे दिया गया है। मराठी साहित्‍य परिषद ने केशवसूत की याद में यहां एक खूबसूरत स्‍मारक का निर्माण करवाया है। 

4. जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)

इस किले की स्‍थापना 17 वीं शताब्‍दी में हुई थी। यह किला एक खड़ी पहाड़ी पर बना हुआ है। इसके पास से ही संगमेश्‍वर नदी बहती है। इस किले से आसपास का बहुत सुंदर दूश्‍य दिखता है।

5. पावस (Pawas)

यह स्‍थान स्‍वामी स्‍वरुपानंद से संबंधित है। स्‍वरुपानंद महाराष्‍ट्र के सबसे बड़े आ‍ध्‍यात्मिक गुरु थे। उन्‍होंने पावस को ही अपना निवास स्‍थान बनाया था। जिस मकान में स्‍वरुपानंद रहते थे उस भवन को अब आश्रम का रुप दे दिया गया है।

6. वेलनेश्‍वर (Velaneshwar)

यह गांव रत्‍नागिरी से 170 किलोमीटर दूर है। इसके पास समुद्र तट है। यह समुद्रतट नारियल के वृक्षों से भरा हुआ है। यहां शिव का एक पुराना मंदिर भी है। यहां आने वाले पर्यटक इस मंदिर को देखने जरुर आते हैं। यह मंदिर शैव धर्म के रहस्‍यवाद से संबंधित है।

7. रत्‍नागिरी किला (Ratnagiri Fort)

इस किले का निर्माण बहमनी काल में हुआ था। यह बाद में आदिल शाह के कब्‍जे में आ गया। 1670 ई. में शिवाजी ने इस किले पर कब्‍जा कर लिया। 1761 ई. तक इस किले पर सदाशिव राव भाऊ का अधिकार था। 1790 ई. में धुंधु भास्‍कर प्रतिनिधि ने इस किले की मरम्‍मत करवाई और इसके प्राचीरों का मजबूत किया।

यह किला घोड़े की नाल के आकार में है। इसकी लंबाई 1300 मीटर तथा चौड़ाई 1000 मीटर है। यह किला तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। इस किले का एक बुर्ज ‘सिद्धा बुर्ज’ लाइट हाउस के रुप में काम करता था। इस किले में देवी भगवती का एक बहुत ही आ‍कर्षक मंदिर है।

8. गणेशगुले (Ganeshgule)

यह स्थान बीचों के लिए प्रसिद्ध है। यह रत्‍नागिरी से 21 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां भगवान गणेश का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है। 

रत्नगिरि से क्या खरीदे (Ratnagiri is Famous for)

रत्नागिरि हाफूस आम (Alphonso mango) के लिए प्रसिद्ध है। आपको हाफूस आम जरूर ट्राय करना चाहिए। इसके अलावा रत्‍नागिरी में नारियल अनुसंधान केंद्र है। यहां नारियल के पौधे की कई किस्‍मों को विकसित किया गया है। यहां से नारियल के पौधों की खरीदारी की जा सकती है। नारियल के अलावा तेज पत्ता तथा विभिन्‍न किस्‍म के मसालों की खरीदारी आप कर सकते है। 

रत्‍नागिरि आने का सही समय (Write time to visit Ratnagiri)

गर्मी के मौसम में रत्‍नागिरि का तापमान बहुत अधिक बड़ जाता है। इस दौरान तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसलिए सर्दी यानि नवंबर से फरवरी तक के बीच रत्‍नागिरि आने का सबसे सही रहता है।

रत्नागिरी कैंसे पहुंचे (How to Reach Ratnagiri)

रेल मार्ग: रत्‍नागिरी में रेलवे जंक्‍शन है। यहां आने का सबसे बढिया ट्रेन कोंकण कन्‍या एक्‍सप्रेस है। यह ट्रेन मुंबई से खुल कर रत्‍नागिरी को जाती है।

सड़क मार्ग: रत्‍नागिरी के लिए मुंबई से सीधी बस सेवा है। मुंबई सेंट्रल, बोरीबली तथा परेल  से रत्‍नागिरी के लिए बसें खुलती है।

FAQs

रत्नगिरि कहाँ स्थित हैं?

रत्नागिरि (Ratnagiri) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।

रत्नगिरि क्यों प्रसिद्ध हैं?

रत्नागिरि हाफूस आम (Alphonso mango) के लिए भी प्रसिद्ध है।

रत्नगिरि के प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन कौन से हैं ?

बौद्ध मठ, थीवा महल, मल्गुन्द, जयगढ़ किला, पावस, वेलनेश्‍वर, रत्‍नागिरी किला, गणेशगुले रत्नगिरि के प्रमुख दर्शनीय स्थल है।

रत्नगिरि यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय कौन सा हैं?

रत्नगिरि जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय नवम्बर से मार्च का है।

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Post Tags: #Maharashtra#Maharashtra Tourism#Ratnagiri

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