Shree Padmanabhaswamy Temple: श्री पद्मनाथस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम
पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy Temple) भारत के केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित भगवान विष्णु का एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यहां भगवान विष्णु शयन मुद्रा में विराजमान हैं। इसे दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है।
मंदिर का इतिहास और मान्यता (Padmanabhaswamy Temple History & Believe In Hindi)
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। इस मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु हैं जो भुजंग सर्प अनंत पर लेटे हुए हैं। और पढ़ें: भगवान विष्णु के दशावतार
यह मंदिर भगवान विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में एक है जिसे भारत का दिव्य देसम भी कहते हैं। दिव्य देसम भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है जिसका उल्लेख तमिल संतों द्वारा लिखे गए पांडुलिपियों में मिलता है।
श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर परिसर (Shree Padmanabhaswamy Temple in Hindi)
मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है। इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर ‘शयन मुद्रा’ में विराजमान हैं। यहाँ पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है और इस रूप में विराजित भगवान यहाँ पर पद्मनाभ स्वामी के नाम से विख्यात हैं। मान्यता है कि तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के ‘अनंत‘ नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है।
इस मंदिर का ध्वज स्तंभ लगभग 80 फीट ऊंचा है जिसे स्वर्ण लेपित तांबे की चादरों से ढंका गया है। यह मंदिर वास्तुशिल्प पत्थर और कांसे पर की गई नक्काशी के लिए भी प्रसिद्ध है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर का स्थापत्य देखते ही बनता है। मंदिर के अंदरूनी हिस्सों में सुंदर चित्र उकेरे गए हैं। इनमें से कुछ चित्र भगवान विष्णु की लेटी हुई मुद्रा, नरसिम्ह स्वामी (आधा सिंह, आधा नर जो भगवान विष्णु का रूप है), भगवान गणपति और गज लक्ष्मी की छवियाँ हैं।
श्रद्धालुयों के लिए पोशाक (Padmanabhaswamy Temple Dress Code)
श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर उन चुंनिन्दा मंदिरों में से एक है, जिसका ड्रेस कोर्ड है। ड्रेस कोड का मंदिर समिति सख्ती से पालन करवाती है। मंदिर में केवल हिंदु ही प्रवेश कर सकते हैं।
पुरुष पोशाक: पुरुषों को मुंडु या धोती (जो कमर में पहना जाता है और नीचे ऐड़ी तक जाता है) और किसी भी तरह की कमीज़ या शर्ट की अनुमति नहीं है।
स्त्री पोशाक: महिलाओं को साड़ी, मुंड़ुम नेरियतुम (सेट- मुंडु), स्कर्ट और ब्लाउज़ या आधी साड़ी पहनना होता है।
विशेष: मंदिर के प्रवेश द्वार पर किराए पर धोती उपलब्ध रहते हैं। आजकल मंदिर के अधिकारी भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैंट या चूड़ीदार के ऊपर धोती पहनने की अनुमति हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर का तहखाना (7 Doors of Padmanabhaswamy Temple)
इसी कड़ी में हम आपको बताने वाले हैं पद्मनाभस्वामी मंदिर के भीतर मौजूद सात दरवाजे के रहस्य के बारे में, जिसके भीतर बेशुमार खजाना छुपा हुआ है।
जून 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग तथा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मन्दिर के गुप्त तहखानों को खोलें और उनमें रखी वस्तुओं का निरीक्षण करें। साल 2011 में जब इसके 6 दरवाजों को खोला गया।
इनमें भगवान विष्णु की साढ़े तीन फुट की एक सोने की मूर्ति मिली थी, जिनमें कीमती हीरे और पत्थर जड़े हुए थे। वहीं 18 फुट लंबी सोने की चेन भी मिली थी। इसके साथ ही काफी मात्रा में हीरे और कीमती स्टोन प्राप्त हुए थे। जिसकी अनुमानित मूल्य करीब 1 लाख 32 हजार करोड़ है।
जब सातवें दरवाजे को खोलने को लेकर विवाद बढ़ने लगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने उस दौरान इस मामले में दखल दिया और सातवें दरवाजे को खोलने पर रोक लगा दी। साथ ही ये भी आदेश दिया कि ये संपत्ति मंदिर की है और मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसलिए अब तक इस मंदिर के 7वें दरवाजे को खोला नहीं गया है।
हालांकि इस बात का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है कि मंदिर के सातवें दरवाजे के भीतर कितना खजाना छिपा हुआ है। लेकिन कहा जाता है कि पिछले 6 दरवाजों को खोलने पर जितना खजाना निकला था। उससे भी कहीं अधिक खजाना सातवें दरवाजे के भीतर मौजूद है।
मंदिर के 7वे दरवाजे का रहस्य (Mystery behind the seventh door of the temple)
श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर का सातवां दरवाजा जिसे ‘बोल्ट बी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दरवाजे पर ‘सांप की आकृति’ का चित्र बना हुआ है। जो देखने पर भयभीत करने वाला है। आश्चर्य की बात यह है कि इस दरवाजे पर किसी भी प्रकार का ताला नहीं लगा हुआ है। फिर भी इस दरवाजे को खोलने से सब डरते है।
स्थानीय लोगो का मानना है कि गर पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को खोला जाएगा, तो कई अनिष्टकारी घटनाएं हो सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार किसी व्यक्ति ने इस दरवाजे को खोलने का प्रयास किया, लेकिन उसी समय उसको जहरीले सांप ने काट लिया था।
जानें, कैसे खोला जा सकता है 7वां दरवाजा (How to open the vault B in Padmanabhaswamy Temple)
इस दरवाजे को कोई सिद्ध पुरुष ही मंत्रोच्चार करके खोल सकता है। मान्यताओं की मानें तो पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को गरुण मंत्र के उच्चारण करने के बाद ही खोला जा सकता है। यदि मंत्र पढ़ते वक्त पुजारी से कुछ गलती होती है, तो उसी समय उसकी मृत्यु हो जाएगी।
How to Reach Padmanabhaswamy Temple
श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर से नज़दीकी रेल्वे स्टेशन तिरुवनंतपुरम सेंट्रल है जो लगभग 1 किमी. दूर है। नज़दीकी एयरपोर्ट ‘तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट’ है जो लगभग 6 कि.मी. दूर है।