वामदेव ऋषि (Vamdev Rishi)
वामदेव, प्रख्यात हिन्दू ऋषि थे। इनकी गणना सप्तऋषियों में होती है। वामदेव ऋग्वेद के चतुर्थ मंडल के सूत्तद्रष्टा, गौतम ऋषि के पुत्र तथा “जन्मत्रयी” के तत्ववेत्ता हैं जिन्हें गर्भावस्था में ही अपने विगत दो जन्मों का ज्ञान हो गया था।
वामदेव ऋषि
नाम | वामदेव ऋषी |
पिता | गौतम ऋषि |
सम्बन्ध | हिन्दू ऋषि, सप्तऋषि |
अन्य जानकरी | वामदेव ऋग्वेद के चतुर्थ मंडल के द्रष्टा ऋषि थे। |
सबंधित लिख | सप्तऋषि, ऋषि पंचमी व्रत |
वामदेव ऋषि जन्म कथा,जीवनी (Vamdev Rishi birth Story and Biography)
वामदेव, प्रख्यात हिन्दू ऋषि थे। इनकी गणना सप्तऋषियों में होती है। वामदेव ऋग्वेद के चतुर्थ मंडल के सूत्तद्रष्टा, गौतम ऋषि के पुत्र थे। गौतम ऋषि के पुत्र होने के कारण इन्हें गौतमी भी कहा जाता था। वामदेव जब मां के गर्भ में थे तभी से उन्हें अपने पूर्वजन्म आदि का ज्ञान हो गया था। और पढ़ें: ऋषि पंचमी: कथा एवं पूजा विधि
वामदेव जब माँ के गर्भ में थे, तब उनके मन मे विचार आया। मां की योनि से तो सभी जन्म लेते हैं और यह कष्टकर है, अत: मां का पेट फाड़ कर बाहर निकलना चाहिए।
वामदेव की मां को इसका आभास हो गया। अत: उसने अपने जीवन को संकट में पड़ा जानकर देवी अदिति से रक्षा की कामना की। तब वामदेव ने इंद्र को अपने समस्त ज्ञान का परिचय देकर योग से श्येन पक्षी का रूप धारण किया तथा अपनी माता के उदर से बिना कष्ट दिए बाहर निकल आए।