Mount Abu: माउंट आबू के प्रमुख पर्यटन स्थल
Mount Abu Tourism: माउंट आबू (Mount Abu) भारत के राजस्थान राज्य के सिरोही ज़िले में स्थित है। समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। यह 22 किमी लम्बे और 9 किमी चौड़े पत्थरीले पठार पर बसा हुआ है।
माउंट आबू के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places to visit Mount Abu in Hindi)
राज्य | राजस्थान |
जिला | सिरोही |
क्षेत्रफल | 25वर्ग किमी. |
समुन्द्र तल से ऊँचाई | 1220 मी. |
वर्षा | 153 से 177 सेंमी. |
भाषा | राजिस्थानी, हिंदी और अंग्रेजी |
अनुकूल समय | फरवरी से जून और सितंबर से दिसंबर |
संबंधित लेख | राजस्थान के पर्यटन स्थल |
Mount Abu Tourist Places: नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है।
History of Mount Abu: माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान था।
Religious Belief: माउंट आबू प्राचीन काल से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक मान्यता अनुसार हिन्दु धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां आए थे।
दिलवाड़ा जैन मंदिर (Dilwara Temples)
Dilwara Temple: दिलवाड़ा मंदिर या देलवाडा मंदिर, पाँच मंदिरों का एक समूह है। जिनके नाम विमालवसाहि मंदिर, लूना वसाही मंदिर, पित्तलहार मंदिर, श्री पार्श्वनाथ मंदिर और श्री महावीर स्वामी मंदिर है। यह सभी मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं।
इन मंदिरों का निर्माण 11वी और 13वी शताब्दी के बीच हुआ था। दिलवाड़ा के मंदिरों में विमल वासाही मंदिर प्रथम र्तीथकर को समर्पित सर्वाधिक प्राचीन है जो 1031 ई में बनाया था।
नक्की झील (Nakki Lake)
Nakki Lake Mouth Abu: नक्की झील माउंट आबू का एक बेहतरीन पिकनीक स्थल है। मीठे पानी की यह झील, राजस्थान की सबसे ऊंची झील हैं। कहा जाता है कि देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून) नाम से जाना जाता है। इस झील में नौकायन का भी आनंद लिया जा सकता है।
गोमुख मंदिर (Gomukh Temple)
Gomukh Temple: इस मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। महर्षि वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में संगमरमर से बने नंदी और अरबुआदा सर्प की भी विशाल प्रतिमा है।
हिमालय पुत्र ‘आरबुआदा’ एक शक्तिशाली सर्प था, जिसने एक गहरी खाई में भगवान शिव के वाहन ‘नंदी’ की जान बचाई थी। मान्यता अनुसार इन्ही के नाम पर ‘मांउन्ट आबू’ का नाम पड़ा है।
सनसेट प्वाइंट (Sunset Point)
Unset Point Mount Abu: नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सनसेट प्वांइट से डूबते हुए सूरज की खूबसूरती को देखा जा सकता है। यहां से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आंखों को सुकून पहुंचाते हैं। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।
माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य (Mount Abu Wildlife Sanctuary)
Mount Abu Wild Life Sanctuary: यह अभ्यारण्य मांउट आबू का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। 288 वर्ग किमी.में फैले इस अभ्यारण्य की स्थापना 1960 में की गई थी। यहां मुख्य रूप से तेंदुए, स्लोथबियर, वाइल्ड बोर, सांभर, चिंकारा और लंगूर पाए जाते हैं। यहां पक्षियों की लगभग 250 और पौधों की 110 से अधिक प्रजातियां देखी जा सकती हैं।
अचलगढ़ किला व मंदिर (Achalgarh Fort and Temple)
Achalgarh Fort and Temple: अचलगढ़ मंदिर और किला, दिलवाड़ा के मंदिरों से लगभग 8 किमी.उत्तर पूर्व में स्थित हैं। यह किला मेवाड़ के राजा राणा कुंभ ने एक पहाड़ी के ऊपर बनवाया था। पहाड़ी के तल पर 15वीं शताब्दी में बना अचलेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान हैं। नजदीक ही 16वीं शताब्दी में बने काशीनाथ जैन मंदिर भी हैं। और पढें: शिव पूजन में ध्यान देने योग्य बातें
गुरु शिखर (Guru Shikhar)
गुरु शिखर, माउंट आबू से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी अधिकतम ऊँचाई 1,722 मी॰ (5,650 फीट) है। गुरु शिखर से नीचे का दृश्य बहुत की सुंदर दिखाई पड़ता है।
यह शिखर कई सुंदर और ऐतिहासिक मंदिरों का घर है। जिसमे सबसे प्रसिद्ध भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय का मंदिर है। पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर की शांति दिल को छू लेती है। मंदिर की इमारत सफेद रंग की है। यहां एक गुफा के चट्टान पर भगवान दत्तात्रेय के पैरों के निशान भी हैं। पास में स्थित अन्य मंदिर मीरा मंदिर, चामुंडी मंदिर और शिव मंदिर है।
माउंट आबू कैसे पहुंचे (How to Reach Mount Abu in Hindi)
वायु मार्ग- निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर यहां से 185 किमी.दूर है। उदयपुर से माउंट आबू पहुंचने के लिए बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।
रेल मार्ग- नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड 28किमी.की दूरी पर है जो अहमदाबाद,दिल्ली,जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है।
सड़क मार्ग- माउंट आबू देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें अनेक शहरों से माउंट आबू के लिए अपनी सेवाएं मुहैया कराती हैं।
माउंट आबू से क्या खरीदे (What can we buy from Mount Abu?)
Mount Abu famous for: नक्की झील के किनारे बनी दुकानों से राजस्थानी शिल्प का सामान खरीदा जा सकता है। यहां की संगमरमर पत्थर से बनी मूर्तियों और सूती कोटा साड़ियां काफी लोकप्रिय है। यहां की दुकानों से चांदी के आभूषणों की खरीददारी भी की जा सकती है।
Search Key: Mount Abu Tourism, Mount Abu tourist Places on Hindi, Mount Abu temple, Things to do in Mount Abu, Places to visit in Mount, Mount Abu snowfall, Hotels in Mount Abu, Mount Abu temperature.