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प्रतापगढ़ (Pratapgarh)

Byvashi Uttar Pradesh
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प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश राज्य का एक नगर है। यहां पर स्थित बेलादेवी मंदिर के कारण लोग इसे ‘बेल्हा’ भी कहते है। महाभारत का सुप्रसिद्ध युधिष्ठिर यक्ष संवाद प्रतापगढ में ही हुआ था।

राज्यऊत्तर प्रदेश
क्षेत्रफल3,717 वर्ग किलोमीटर
भाषाहिंदी, मालवी और मेवाड़ी
पर्यटन स्थलबिलखरनाथ मंदिर, चन्द्रिका देवी मंदिर, सेन दत्त की कुटी आदि।
सही समयअक्टूबर से मार्च।

प्रतापगढ जिले का मुख्यालय बेला स्थित है। जिस कारण इस जगह का “बेला प्रतापगढ़” के नाम से भी जाना जाता है। प्रतापगढ़ के विधानसभा क्षेत्र “पट्टी” से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनैतिक करियर की शुरुवात की थी। यह जिला स्वामी करपात्री जी महाराज कि जन्मभूमि और महात्मा बुद्ध की तपोस्थली है।

प्रतापगढ़ का इतिहास (History of Pratapgarh)

प्रतापगढ़ की स्थापना यहां के राजा प्रताप सिंह ने 17वी शताब्दी में किया था। इसी दौरान उन्होंने यहां एक किले का निर्माण भी करवाया था। जिसके बाद उनके नाम पर इस जगह का नाम प्रतापगढ़ रखा गया था।

Pratapgarh in Mahabharat: प्रतापगढ़ के रानीगंज अजगरा में राजा युधिष्ठिर व यक्ष संवाद हुआ था और जिले के ही भयहरणनाथ धाम में महाबली भीम न बकासुर का वध किया था।

प्रतापगढ प्रमुख के दर्शनीय स्थल (Best Places to visit in Pratapgarh)

यह जिला सुल्तानपुर एवं इलाहाबाद जिले के उत्तर, जौनपुर जिला के पूर्व, फतेहपुर जिला के पश्चिम और राय-बरेली जिला के उत्तर-पूर्व से घिरा हुआ है। बेला भवानी मंदिर, बिलखरनाथ मंदिर, चन्द्रिका देवी मंदिर, सेन दत्त की कुटी आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है।

1. शनि देव मंदिर (Shanidev Temple Pratapgarh)

प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज बाजार से लगभग 2 किलो मीटर दूर कुशफरा के जंगल में भगवान शनि का प्राचीन पौराणिक मन्दिर लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था के केंद्र हैं। कहते हैं कि यह ऐसा स्थान है जहां आते ही भक्त भगवान शनि जी की कृपा का पात्र बन जाता है।

चमत्कारों से भरा हुआ यह स्थान लोगों को सहसा ही अपनी ओर खींच लेता है। यह धाम बाल्कुनी नदी के किनारे स्थित है। जो की अब बकुलाही नाम से भी जानी जाती है। अवध क्षेत्र के एक मात्र पौराणिक शनि धाम होने के कारण प्रतापगढ़ (बेल्हा) के साथ-साथ कई जिलों के भक्त आते हैं।

2. बेल्हा देवी (Behla Devi Temple)

बेल्हा देवी मंदिर, प्रतापगढ़ में साई नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। जो देवी (देवी माता) के स्थानीय अवतार देवी बेल्हा को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण अवध के राजा प्रताप बहादुर सिंह ने सन 1811 में करवाया था। माँ बेल्हा देवी का भव्य मंदिर होने के कारण जिले को बेला अथवा बेल्हा के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान हिंदुओ के पवित्र 51 शक्तिपीठ में से एक है। यहां देवी सती का बेला (कमर) का भाग गिरा था। भगवान राम ने वनवास काल के दौरान माँ बेल्हादेवी की पूजा अर्चना की थी।

3. भक्ति धाम (Bhakti Dham)

प्रतापगढ़ जिले के कुंडा तहसील मुख्यालय से 2 किलोमीटर पर भगवान राधा-कृष्ण को समर्पित भक्तिधाम मंदिर है। इस मंदिर की नीवं जगद्गुरु कृपालु महाराज ने रखी है।

धाम पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव में सबसे अधिक भीड़ होती है। लाखों की संख्या में लोग जन्मोत्सव आयोजन में ही सम्मिलित होते हैं।

4. बाबा घुस्मेश्वर नाथ धाम (Baba Ghuisarnath Dham)

घुईसरनाथ या घुश्मेश्वरनाथ मंदिर, प्रतापगढ़ शहर के लालगंज अजहरा में साईं नदी के तट पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह स्थान भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

धार्मिक और अध्यात्मिक और पौराणिक विशिष्टता के कारण यह शिव धाम करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। श्री घुश्मेश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं व सुखसमृद्धि की प्राप्ति होती है। (और पढ़ें: 12 ज्योतिर्लिंग का रहस्य

5. बाबा भयहरण नाथ धाम (Baba Bhayaharannath Dham)

बाबा भयहरणनाथ मन्दिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मन्दिर हैं। यह एक पांडव युगीन मंदिर हैं, जो प्रतापगढ़ के मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम कटरा गुलाब सिंह में बकुलाही नदी के तट पर विद्यमान हैं।

लोकमान्यता है कि महाभारत के यही पर पांडवों ने बकासुर नामक राक्षसका वध करके शिवलिंग की स्थापना की गयी थी। लगभग 10 एकड के क्षेत्रफल में फैले इस धाम में पाण्डवों द्वारा स्थापित शिवलिंग के अलावा हनुमान, शिव पार्वती, संतोषी माँ, राधा कृष्ण, विश्वकर्मा भगवान, बैजूबाबा आदि के मंदिर है।

6. बिलखरनाथ मंदिर (Baba Belkharnath Dham)

बिलखरनाथ मंदिर प्रतापगढ़ जिले के पत्ती में स्थित है। साई नदी के तट पर स्थित बिलखरनाथ मंदिर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। भगवान शिव को समर्पित बिलखरनाथ मंदिर इस जिले के प्राचीन मंदिरों में से है। प्रत्येक वर्ष महा शिवरात्रि के अवसर पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

7. चन्द्रिका देवी मंदिर (Chandrika Devi Temple)

संडवा चन्द्रिका गांव स्थित चन्द्रिका देवी मंदिर जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर चन्द्रिका देवी को समर्पित है। प्रत्येक वर्ष चैत्र माह (फरवरी-मार्च) और अश्विन (सितम्बर-अक्टूबर) माह में चन्द्रिका देवी मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं।

8. किसान देवता मंदिर (Kisaan Devta Temple)

किसान देवता मंदिर प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील के सराय महेश ग्राम में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण प्रतापगढ़ जिले निवासी पीठाधीश्वर योगिराज सरकार ने वर्ष 2015 में किसान को सम्‍मान दिलाने के उद्देश्य से किया था। इस मंदिर की खास बात यह है यहाँ किसी भी धर्म व संप्रदाय के लोग आ सकते हैं। यह विश्व का इकलौता किसान देवता मंदिर है।

9. संग्रामगढ़ (Sangramgarh)

प्रतापगढ़ जिला स्थित संग्रामगढ़ एक छोटा सा शहर है। यह जगह बेला जिला मुख्यालय के पश्चिम दिशा की ओर स्थित है। संग्रामगढ़ से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कालाकंकड गांव काफी प्राचीन शहर है। यहां स्थित किले का निर्माण राजा तेज सिंह ने करवाया था।

10. लालगंज (Lalganj)

लालगढ़ प्रतापगढ़ जिले के प्रमुख शहरों में से एक है। यह शहर प्रतापगढ़ के पश्चिम से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। रणजीतपुर फॉरेस्ट की सीमा पर स्थित सेन दाता की कुटी यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों मे से है। यह स्थान एक खूबसूरत पिकनिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है।

11. जठवार (Jathvar)

प्रतापगढ़ से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जठवार जिले के सबसे बड़े शहरों में से एक है। माणिकपुर स्थित शीतला देवी मंदिर यहां के प्रमुख मंदिरों में से है। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के सातवें दिन काफी संख्या में भक्त यहां सम्मिलित होते हैं।

12. श्री मंधारस्वामी मंदिर (Shrimandhar Swami Temple)

श्रीमंधारस्वामी मंदिर यशकीर्ति भटारक सीमा पर स्थित है। इस मंदिर में र्तीथकर श्रीमंधारस्वामी की विशाल प्रतिमा स्थित है। इस प्रतिमा में श्रीमंधारस्वामी पदमासन की मुद्रा में है।

13. केशवराजजी मंदिर (Keshavrajji Temple)

केशवराज जी मंदिर काफी बडा बना हुआ है। मंदिर की दीवारों पर बनी खुजराहो शैली की मूर्तियां आकर्षण का केंद्र है।

प्रतापगढ़ कैंसे पहुंचे (How to Reach Pratapgarh)


वायु मार्ग
: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी एयरपोर्ट है।

रेल मार्ग: प्रतापगढ़ रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन प्रतापगढ़ जंक्शन है।

सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा प्रतापगढ़ आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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Post Tags: #Pratapgarh#Uttar Pradesh#Uttar Pradesh Tourism

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