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Raisen (M.P): History & Tourist Places in Hindi

Byvashi Madhya Pradesh
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रायसेन (Raisen) भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक शहर है। यह रायसेन जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 45.5 किमी दूर है।

Raisen: History, Facts & Tourist Places | wiki

राज्यमध्य प्रदेश
क्षेत्रफल8466 वर्ग किमी
भाषाहिंदी और इंग्लिश
दर्शनीय स्थलसांची, भीमबेटका गुफा, बौद्ध स्तूप, उदयपुरा मंदिर आदि।
संबंधित लेखमध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल
कब जाएंनवम्बर से फरवरी।

मध्य प्रदेश का रायसेन पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण जिला है। 8466 वर्ग किमी. में फैला रायसेन चारों तरफ से सीहोर, विदिशा, सागर, नरसिंहपुर और होशंगाबाद जिलों से घिरा हुआ है।

रायसेन के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Tourist Places in Raisen)

सांची, भीमबेटका और भोजपुर यहां के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से सैलानियों का नियमित आना-जाना लगा रहता है। जिले की भीमबेटका गुफाओं को विश्व धरोहरों में शुमार किया गया है। यहां का सांची अपने बौद्ध स्तूपों के लिए विश्‍व प्रसिद्ध है। सम्राट अशोक के काल के अनेक स्मारकों को भी यहां देखा जा सकता है।

भीमबेटका गुफाएं– भोपाल से 46 किमी. दक्षिण में स्थित भीमबेटका गुफाओं को विश्व की सबसे प्राचीनतम प्रागैतिहासिक कालीन गुफाओं में शुमार किया जाता है। टीक और साक पेड़ों से घिरी इन गुफाओं को यूनेस्को की मान्यता प्राप्त है।

गुफाओं में बनी चित्रकारियां यहां रहने वाले पाषाणकालीन मनुष्यों के जीवन को दर्शाती है। गुफा की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12000 साल पुरानी माना जाता है। भोपाल से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सांची– सांची रायसेन जिले का सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर बारहवीं शताब्दी तक के अनेक अवशेष यहां देखे जा सकते हैं। यहां बने विभिन्न स्तूप, मठ, मंदिर और स्तंभ देखने के लिए दूर-दूर से लोगों का आगमन होता है।

यहां के सांची स्तूप को मूल रूप से सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व बनवाया गया था। सांची के पुरातत्व संग्रहालय में अशोक स्तंभ के अलावा अनेक प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं का विस्तृत संग्रह देखा जा सकता है।

भोजपुर– भोपाल से 28 किमी. दूर स्थित भोजपुर की स्थापना परमार वंश के राजा भोज ने की थी। इसीलिए यह स्थान भोजपुर के नाम से चर्चित है। इस प्राचीन नगर को उत्तर भारत का सोमनाथ कहा जाता है। यह स्थान भगवान शिव के शानदार मंदिर और साईक्लोपियन बांध के लिए जाना जाता है।

उदयपुरा मंदिर– भूमिजा शैली में बना यह प्राचीन मंदिर रायसेन के उदयपुरा में स्थित है। उदयपुरा रायसेन के दक्षिण पूर्व में है। मंदिर का मंडप काफी सुसज्जित है। मंदिर की असंख्य मूर्तियों को काफी सलीखे से रखा गया है। होशंगाबाद का पिपरिया रेलवे स्टेशन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है।

कररा पक्षी अभ्यारण्य– 202 वर्ग किमी. में फैला यह अभ्यारण्य 1981 में स्थापित किया गया था। पक्षियों की विविध प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं। भारतीय सोन चिड़िया, पिन्टेल, रिवर टर्न्स, जलकौवा, भूरा बगुला, बनाकर, बुज्‍जा और इग्रेट आदि पक्षियों को यहां देखा जा सकता है। डिहैला झील अभ्यारण्य के जल का मुख्य स्रोत है। जनवरी से जून की अवधि यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

सिन्घोरी वन्यजीव अभ्यारण्य– 1976 में स्थापित यह अभ्यारण्य 288 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला है। जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विविध प्रजातियां यहां देखी जा सकती है। अभ्यारण्य में मुख्यत: टाईगर, तेंदुए, चौसिंहा, वाइल्ड बोर, बार्किंग डीयर, चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं।

इन पशुओं के अतिरिक्त विभिन्न पक्षी भी यहां दिखाई देते हैं। अनुकूल मौसम के प्रवासी पक्षियों को भी यहां देखा जा सकता है। नवंबर से फरवरी की अवधि यहां आने के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

रायसेन कैंसे पहुंचे (How To Reach Raisen)

वायु मार्ग– भोपाल में रायसेन का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग– रायसेन झांसी-इटारसी रेल लाइन पर स्थित है। विदिशा और सांची यहां के निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। इस रूट पर चलने वाली अनेक ट्रेनें रायसेन को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ती हैं।

सड़क मार्ग– रायसेन भोपाल, इंदौर, सागर, ग्वालियर, विदिशा आदि शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। अनेक शहरों से रायसेन के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं।

कहां ठहरें– रायसेन में ठहरने के लिए होटलों को अभाव है। यहां के नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल में होटलों की उत्तम व्यवस्था है।

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Post Tags: #Madhya Pradesh#MP Tourism

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