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मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar)

Byvashi Uttar Pradesh
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मुज़फ़्फ़रनगर (Muzaffarnagar) उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। इतिहास और पर्यटन की दृष्टि से इस जगह का काफी महत्व है। इसलिए आजके इस लेख में मुजफ्फरनगर के बारे में जानेंगे-

Muzaffarnagar: History & Best Places to Visit in Hindi

राज्यउत्तर प्रदेश
क्षेत्रफल4049 वर्ग किलोमीटर
भाषाहिंदी, इंग्लिश
पर्यटन स्थलशुक्रताल, अक्षय वट, गणेश धाम, हनुमान धाम।
यात्रा समयनवंबर से फरवरी।

भारत के पुरातत्वीय सर्वेक्षण में यह बात सिद्ध हुई है कि यह जगह का सम्बन्ध हड़प्पा सभ्यता से रहा है। हड़प्पा संस्कृति में उपयोग की जाने वाली गोल्ड रिंग जैसी वस्तुएं और अन्य बहुमूल्य पत्थर की खोज यहां की गई है। प्राचीन समय में यह क्षेत्र एक प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र था।

मुजफ्फरनगर का इतिहास (History of Muzaffarnagar)

काली नदी के तट पर स्थित मुजफ्फरनगर शहर नई दिल्ली के उत्तर-पूर्व से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस शहर की स्थापना खान-ए-जहां ने 1633 ई. में की थी। उनके पिता मुजफ्फरखान के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया है।

यह जिला मेरठ के दक्षिण और सहारनपुर के उत्तर, हरियाणा के करनाल जिला के पश्चिम और गंगा नदी के पूर्व से घिरा हुआ है। जिले का कुल क्षेत्रफल 4049 वर्ग किलोमीटर है।

मुजफ्फरनगर के प्रमुख स्थल (Places to visit in Muzaffarnagar in 2022)

मुजफ्फरनगर के जलालबाद, खतौली और शुक्रतल यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। इसका जिला मुख्यालय मुजफ्फरनगर शहर है।

1. शुक्रताल (Shukratal)

यह स्थान हिन्दुओं का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित शुक्रतल, जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस जगह पर अभिमन्यु के पुत्र और अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित को महर्षि सुखदेव जी ने भागवत गीता का वर्णन किया था।

इसके समीप स्थित वट वृक्ष के नीचे एक मंदिर का निर्माण किया गया था। इस वृक्ष के नीचे बैठकर ही सुखदेव जी भागवत गीता के बारे में बताया करते थे। (और पढ़ें: महाभारत के अमर पात्र

2. अक्षय वट (Akshaya Vat)

अक्षय वट वृक्ष महाभारत काल (लगभग 5100 वर्ष पुराना) का चमत्कारी वृक्ष है। ऐसा माना जाता है कि इस दिव्या वृक्ष के नीचे बैठकर सुखदेव ऋषि ने 7 दिन तक अर्जुन के पोते, राजा परीक्षित को श्रीमद भगवत पूरण की कथा सुनाई थी।

इसलिए इस वृक्ष को देवत्व, सत्य, क्षमा और पवित्रता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस वट वृक्ष के बारे में मान्यता है कि इसके पत्ते कभी सूखते नहीं है। भक्तजन इस वृक्ष की परिक्रमा कर अपनी कामनाएं पूरी करने के लिए चारों ओर एक लाल धागा बांधते है।

3. गणेश धाम शुक्रताल (Ganesh Dham Shukrtal)

भगवान् गणेश को समर्पित गणेशधाम एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश जी की 35 फुट ऊँची भव्य प्रतिमा है। गणेश धाम के पास दो नदियाँ बहती हैं जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस मंदिर के परिसर के पास भगवान् हनुमान की एक भव्य मूर्ती भी है।

4. हनुमत धाम (Hanumat Dham, Shukratal)

मुज़फ्फरनगर जिले के शुक्रताल कस्बे में स्थित हनुमतधाम 72 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। देश भर से बजरंग बली के भक्त शुक्रताल में हनुमत के दर्शन को आते हैं। 

यह मूर्ति सन 1987 में सहडोल के श्री केशव राम द्वारा बनाई गई थी और उसका उद्घाटन स्वामी कल्याणदेव महाराज ने किया था। मूर्ति के सामने, यज्ञशाला है और दूसरी तरफ कथा मंच है। मूर्ति के पीछे, भगवान राम, श्री राधा कृष्ण के मंदिर और श्री सुदर्शन चक्र की एक झोपड़ी हैं।

5. श्री पंचमुखी महादेव मंदिर, संभलहेड़ा (Panchmukhi Mahadev Temple Sambalhera)

श्री पंचमुखी महादेव मंदिर, मीरापुर मार्ग पर संभलहेड़ा (एक बहुत छोटा गांव) जानसठ तहसील हेड कवाटर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर का निर्माण संवत 1514 में मुगलकाल में मोनी बाबा के सानिध्य में लाला हुकुमत राय ने कराया था। 

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के बाद इस मंदिर में विश्व का दूसरा सबसे पुराना पंचमुमुखी शिवलिंग स्थापित है। यह शिवलिंग बहुत महंगे पत्थर ‘कासौटी’ द्वारा बनाया गया है। इस मंदिर में मां गंगा, गणेश, गौरी, लक्ष्मी-नारायण और गरुण देवता की मूर्ति भी स्थापित हैं।

6. खतौली (Khatauli)

मुजफ्फनगर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित “खतौली” राष्ट्रीय राजमार्ग 58 द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है। यहां स्थित जैन मंदिर बेहद खूबसूरत है। इसके अतिरिक्त एक विशाल सराय भी है। इनका निर्माण शाहजहां द्वारा करवाया गया था।

7. बहलना जैन मंदिर (Vehalna jain Temple)

बहलना मुज़फ्फरनगर शहर से 4 किमी दूर स्थित एक छोटा सा औद्योगिक गांव है। यहां स्थित बहलना जैन मंदिर, जैन धर्म के अनुयायी के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसे श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशयक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में में पार्श्वनाथ जी की नव निर्मित 31 फीट प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

8. जलालबाद (Jalalabad)

राज्य राजमार्ग पर स्थित जलालबाद मुजफ्फरनगर जिला का शहर है। यह जगह मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर और सहारनपुर से 41 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके आस-पास घोसगढ़, डभरी, वकीलगढ़, इरशादपुर और अहमदपुर आदि जैसे कई स्थान है। शुक्रतल और कमला नेहरू वाटिका इस शहर के नजदीकी महत्वपूर्ण स्थलों में से है।

कैसे पहुंचे (How to Reach Muzaffarnagar)


वायु मार्ग
: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा दिल्‍ली स्थित इंदिरा गांधी अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। दिल्ली से मुजफ्फनगर 116 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग: मुजफ्फरनगर रेलमार्ग द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 58 द्वारा मुजफ्फनगर पहुंचा जा सकता है। भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली, देहरादून, सहारनपुर और मसूरी आदि से यहां पहुंच सकते हैं।

विभिन्न शहरों से दूरी: दिल्ली: 116 किलोमीटर, देहरादून: 119 किलोमीटर, अलीगढ़: 179 किलोमीटर, आगरा: 319 किलोमीटर, गुड़गांव: 146 किलोमीटर।

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Post Tags: #Muzaffarnagar#Uttar Pradesh#Uttar Pradesh Tourism

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